To Provide equal opportunities of higher education to students.
To develop the personalities of students.
To provide opportunities of creative capabilities of students.
To inculcate physical, mental, social and emotional development of students.
To groom students as cultured Indian citizens.
To develop the cult of unity in diversity among the students.
To enchance the abideness among students towards Indian constitution.
To trained the student for national and social services
उत्तर प्रदेश शासन द्वारा राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना के पीछे यह उद्देश्य रहा है कि ग्रामीण अंचलों के छात्र.छात्राओं को भी उच्च शिक्षा के उत्कृष्ट अवसर प्राप्त हो सकें। जनपद. बरैली के आंवला ग्राम्यांचल में स्थित यह महाविद्यालय भी इसी श्रृंखला की एक कड़ी है। स्नातक स्तर पर अध्ययन के लिए इस अंचल के छात्र.छात्राओं को उत्कृष्ट शिक्षण सुविधाएँ उपलब्ध कराना इस महाविद्यालय का लक्ष्य रहा है। यह महाविद्यालय विस्तृत भवनए संसाधनों एवं सुयोग्य प्राध्यापकों से सुसज्जित है। महाविद्यालय का पुस्तकालय अत्यन्त समृद्ध हैए जिसमें छात्रोपयोगी पुस्तकों की विस्तृत श्रृंखला है। साथ हीए महाविद्यालय में स्वच्छ पेयजल भण्डारणए जेनरेटर कम्प्यूटर्स फोटोकॉपी मशीनए फैक्सए इन्टरनेट आदि तकनीकी साधनों की भी समुचित व्यवस्था उपलब्ध है। महाविद्यालय में शैक्षणिक एवं शिक्षणेतर कार्यकलाप सुचारु ढंग से निरंतर चलायमान हैं। राष्ट्रीय सेवा योजनाए क्रीड़ाए रोवर्स रेंजर्स आदि पाठ्य.सहगामी क्रियाकलापों के माध्यम से छात्रों में शिक्षा के साथ.साथ व्यक्तित्व.निर्माण के बीज भी रोपित किये जाते हैंए जिससे प्रतियोगिता के इस युग में छात्र अपना विशिष्ट स्थान अर्जित कर सकें। यह महत्त्वपूर्ण है कि शिक्षा.संस्थानों की बाढ़ और गुणवत्ता और नैतिक शुचिता के क्षरण के इस दौर में भी यह महाविद्यालय अपनी नीतियों और संकल्पों के प्रति अडिग है। यही कारण है कि यहाँ के पवित्र वातावरण में शिक्षित छात्र मात्र एक सहज उपाधि नहीं प्राप्त करते अपितु जीवन के हर क्षेत्र में निश्चित सफलता अर्जित करते हैं। मैं समस्त छात्र.छात्राओंए अभिभावकों और महाविद्यालय परिवार के प्रति अपनी हार्दिक शुभाशंसाएँ व्यक्त करते हुए यह अपेक्षा करती हूँ कि विद्यालय के बहुमुखी विकास में उन सबका नैतिक समर्थन एवं सहयोग हमें निरंतर मिलता रहेगा
Dr. Maharana pratap singh
(Principal)